Friday, 24 December 2021

नवचैतन्य हिलोरें others NAVACHAITANYA HILOREN rss


 संघ गीत

नवचैतन्य हिलोरें लेता-2 जाग उठी है तरुणाई।

हिंदुराष्ट्र निज दिव्य रूप में उठा पुनः ले अंगडाई

जाग उठी है तरुणाई ॥

नवचैतन्य हिलोरें लेता-2 जाग उठी है तरुणाई।


मुट्ठीभर आक्रांताओं ने अनगिन अत्याचार किये-2

आत्मशून्य दिग्भ्रमित हमीने उन्हे कई उपहार दिये।

विदेशियों की चाल न समझे लड़े मरे भाई भाई

जाग उठी है तरुणाई।

नवचैतन्य हिलोरें लेता-2 जाग उठी है तरुणाई


जाती भाषा वर्ग भिन्नता हैं कितने मिथ्या अभिमान-2

क्षेत्र-क्षेत्र के स्वार्थ उभारे ले अपनी-अपनी पहचान।

राष्ट्रभाव का करें जागरण पाट चलेंगे सब खाई।

जाग उठी है तरुणाई।

नवचैतन्य हिलोरें लेता-2 जाग उठी है तरुणाई।


विविध पंथ मत दर्शन अपने भेद नही वैशिष्ट्य हमारा-2

एक अभेद्य अखण्ड संस्कृति की बहती अमृत धारा।

सत्य सनातन धर्म अधिष्ठित शुभमंगल बेला आई।

जाग उठी है तरुणाई।


नवचैतन्य हिलोरें लेता-2 जाग उठी है तरुणाई।

हिंदुराष्ट्र निज दिव्य रूप मे उठा पुनः ले अंगडाई

जाग उठी है तरुणाई ॥

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