संघ गीत
देश की रक्षा धर्म हमारा, देश की सेवा कर्म हमारा ।
गूंज उठेगा जल थल अंबर, जग में गौरव गान
सरहद तुझे प्रणाम् , सरहद तुझे प्रणाम् , सरहद तुझे प्रणाम्।।
सीमाएं हम रखे सुरक्षित, देश रहेगा सदा अखंडित ।
इसी के हित में जिए मरेंगे चलते सीना तान
सरहद तुझे प्रणाम्-3
जन-जन में सद्भाव जगाए, भेदभाव सब दूर भगाएं
एक देश है एक संस्कृति, समरस अमृत पान
सरहद तुझे प्रणाम् -3
धर्म शिखर पर ले जाएंगे, देश का वैभव प्रगटाएंगे।
विश्व गुरु बन कर उभरेंगे पाएंगे सम्मान
सरहद तुझे प्रणाम्-3
देश की रक्षा धर्म हमारा, देश की सेवा कर्म हमारा ।
गूंज उठेगा जल थल अंबर, जग में गौरव गान
सरहद तुझे प्रणाम् , सरहद तुझे प्रणाम् , सरहद तुझे प्रणाम्।।
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