संघ गीत
सुंदर तन मन सुंदर जीवन
सुंदर होवे वसुंधरा।
भारत रूपी तत्वज्ञान से
सारा जग हो हरा भरा।।
भारत के ही तत्वज्ञान से वसुधा का कल्याण हुआ।
भारत के ही श्री मुखों से पावन गीता ज्ञान हुआ।
गौरव मयी अतीत हमारा, उज्जवल अपनी परंपरा
सुंदर होवे वसुंधरा।
पुनः करे जग माँ का वंदन, माता का सम्मान बढ़े।
पुनः सुधा के ज्ञान से भारत सारा जग का त्राण हरे।
शक्ति रूपी नित्य साधना बने हमारी परंपरा।
सुंदर होवे वसुंधरा।।
त्याग करें निजी सुखों का वैचारिक विस्तार करें।
समरसता सम दिव्य अस्त्र ले हिंदू हिंदू का भाव भरें।
भारत बने अखंडित फिर से पावन होवे वसुंधरा ।
सुंदर होवे वसुंधरा।।
सुंदर तन मन सुंदर जीवन
सुंदर होवे वसुंधरा।
भारत रूपी तत्वज्ञान से
सारा जग हो हरा भरा।।
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