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तेरी सदा हो विजय जय
हे मातृभू जय मातृभू ॥धृ॥
नगराज मस्तक मुकुट हिममण्डित शिखर कैलाश है
गान्धार तिब्बत स्कन्ध सुरभित मलय शीतल श्वास है
इन्द्रप्रस्थ है हृदय औ कश्मीर कुम कुम भाल है
हिन्दुकुश से शृंगपुर फैला जटा का जाल है
बाल रवि बन उदय केतु गगन मे उडता अभय ॥१॥
विन्ध्यागिरि करधनी पुरी और द्वारिका भुजदण्ड है
सह्याद्रि और महेन्द्र पद रामेश दीप अखण्ड है
अनवरत बहता स्तनो से ब्रह्म सिन्धु दुग्ध जल
जग नियन्ता ने चढाया चरण मे लंका कमल
योगि शिला पर हिन्दु सागर चरण धो करता विनय ॥२॥
नासिका ज्वालामुखी से निकलती प्रश्वास है
चित्राल गिलगिट नयन द्वय मे प्रीत की चिर प्यास है
मुख द्वार तक्षशिला से मुखरित साम वैदिक गान है
कर्ण बद्री हिन्गुला मेवाड नाभि निशान है
श्याम बिन्दु कपोल पर केदार नव तारुण्यमय ॥३॥
सुलझा जटा के जूट मे ये चन्द्रमा नेपाल है
कामाख्य मणि है त्रिपुर मे त्रिपुरेश डमरू ताल है
गल हार यमुना गंग कर मे सोमनाथ त्रिशूल है
सब तीर्थ द्वीप समूह देवो ने उछाले फूल है
कच्छ सिन्धू गंग सागर वसन के है छोर त्रय ॥४॥
कोटी पंचाशत सुमन तेरी उतारी आरती
वो देश आर्यावर्त हिन्दुस्थान माताँ भारती
जले जीवन दीप्त दीपक तेजःपुंज प्रकाशरत
बढ चले बढते रहे ले विजय रथ तेरी शपथ
जो मिला तुझसे सभी हो अंत मे तुझमे विलय ॥५॥
terI sadA ho vijaya jaya
he mAtRuBU jaya mAtRuBU ||dhRu||
nagarAja mastaka mukuTa himamaNDita SiKara kailASa hai
gAndhAra tibbata skandha suraBita malaya SItala SvAsa hai
indraprastha hai hRudaya au kaSmIra kuma kuma BAla hai
hindukuSa se SRuMgapura PailA jaTA kA jAla hai
bAla ravi bana udaya ketu gagana me uDatA aBaya ||1||
vindhyAgiri karadhanI purI aura dvArikA BujadaNDa hai
sahyAdri aura mahendra pada rAmeSa dIpa aKaNDa hai
anavarata bahatA stano se brahma sindhu dugdha jala
jaga niyantA ne caDhAyA caraNa me laMkA kamala
yogi SilA para hindu sAgara caraNa dho karatA vinaya ||2||
nAsikA jvAlAmuKI se nikalatI praSvAsa hai
citrAla gilagiTa nayana dvaya me prIta kI cira pyAsa hai
muKa dvAra takShaSilA se muKarita sAma vaidika gAna hai
karNa badrI hingulA mevADa nABi niSAna hai
SyAma bindu kapola para kedAra nava tAruNyamaya ||3||
sulaJA jaTA ke jUTa me ye candramA nepAla hai
kAmAKya maNi hai tripura me tripureSa DamarU tAla hai
gala hAra yamunA gaMga kara me somanAtha triSUla hai
saba tIrtha dvIpa samUha devo ne uCAle PUla hai
kacCa sindhU gaMga sAgara vasana ke hai Cora traya ||4||
koTI paMcASata sumana terI utArI AratI
vo deSa AryAvarta hindusthAna mAtA~M BAratI
jale jIvana dIpta dIpaka tejaHpuMja prakASarata
baDha cale baDhate rahe le vijaya ratha terI Sapatha
jo milA tuJase saBI ho aMta me tuJame vilaya ||5||
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