Showing posts with label ಳಳ- RSS- चंदन है इस देश others CHANDAN HAI IS DESH rss. Show all posts
Showing posts with label ಳಳ- RSS- चंदन है इस देश others CHANDAN HAI IS DESH rss. Show all posts

Sunday 24 October 2021

चंदन है इस देश others CHANDAN HAI IS DESH rss



चन्दन है इस देश कि माटि तपो भूमि हर ग्राम है

हर बाला देवि की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है ॥प॥


हर शरीर मन्दिर सा पावन हर मानव उपकारी है

जहाँ सिंह बन गये खिलौने गाय जहाँ मा प्यारी है

जहाँ सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है ॥१॥


जहाँ कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है

त्याग और तप की गाथायें गाती कवि की वाणी है

ज्ञान जहाँ का गंगा जल सा निर्मल है अविराम है ॥२॥


जिसके सैनिक समर भूमि मे गाया करते गीता है

जहाँ खेत मे हल के नीचे खेला करति सीता है

जीवन का आदर्श जहाँ पर परमेश्वर का धाम है ॥३॥

***
candan hai is desh ki mATi tapo BUmi har grAm hai

har bAlA devi kI pratimA baccA baccA rAm hai ||pa||


har SarIr mandir sA pAvan har mAnav upakArI hai

jahA~M siMh ban gaye Kilone gAy jahA~M mA pyArI hai

jahA~M saverA SaMKa bajAtA lorI gAtI SAm hai ||1||


jahA~M karma se BAgya badalatA Srama niShThA kalyANI hai

tyAga aur tapa kI gAthAyeM gAtI kavi kI vANI hai

j~jAn jahA~M kA gaMgA jala sA nirmala hai avirAm hai ||2||


jisake sainik samara BUmi me gAyA karate gItA hai

jahA~M Keta me hala ke nIce KelA karati sItA hai

jIvana kA AdarSa jahA~M par parameSvar kA dhAm hai ||3||

***

ಚಂದನ ಹೈ ಇಸ ದೇಶ ಕಿ ಮಾಟಿ ತಪೋ ಭೂಮಿ ಹರ ಗ್ರಾಮ ಹೈ

ಹರ ಬಾಲಾ ದೇವಿ ಕೀ ಪ್ರತಿಮಾ ಬಚ್ಚಾ ಬಚ್ಚಾ ರಾಮ ಹೈ ||ಪ||


ಹರ ಶರೀರ ಮಂದಿರ ಸಾ ಪಾವನ ಹರ ಮಾನವ ಉಪಕಾರೀ ಹೈ

ಜಹಾಂ ಸಿಂಹ ಬನ ಗಯೇ ಖಿಲೌನೆ ಗಾಯ ಜಹಾಂ ಮಾ ಪ್ಯಾರೀ ಹೈ

ಜಹಾಂ ಸವೇರಾ ಶಂಖ ಬಜಾತಾ ಲೊರೀ ಗಾತೀ ಶಾಮ ಹೈ ||೧||


ಜಹಾಂ ಕರ್ಮ ಸೇ ಭಾಗ್ಯ ಬದಲತಾ ಶ್ರಮನಿಷ್ಠಾ ಕಲ್ಯಾಣಿ ಹೈ

ತ್ಯಾಗ ಔರ ತಪ ಕೀ ಗಾಥಾಯೇಂ ಗಾತೀ ಕವಿ ಕೀ ವಾಣೀ ಹೈ

ಜ್ಞಾನ ಜಹಾಂ ಕಾ ಗಂಗಾ ಜಲ ಸಾ ನಿರ್ಮಲ ಹೈ ಅವಿರಾಮ ಹೈ ||೨||


ಜಿಸಕೇ ಸೈನಿಕ ಸಮರ ಭೂಮಿ ಮೇ ಗಾಯಾ ಕರತೇ ಗೀತಾ ಹೈ

ಜಹಾಂ ಖೇತ ಮೇ ಹಲ ಕೇ ನೀಚೆ ಖೇಲಾ ಕರತಿ ಸೀತಾ ಹೈ

ಜೀವನ ಕಾ ಆದರ್ಶ ಜಹಾಂ ಪರ ಪರಮೇಶ್ವರ ಕಾ ಧಾಮ ಹೈ ||೩||

***

चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है

हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है।


हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है

जहाँ सिंह बन गये खिलौने गाय जहाँ माँ प्यारी है

जहाँ सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है।


जहाँ कर्म से भाग्य बदलते श्रम निष्ठा कल्याणी है

त्याग और तप की गाथायें गाती कवि की वाणी है

ज्ञान जहाँ का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है।


इसके सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है

जहाँ खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है

जीवन का आदर्श यहाँ पर परमेश्वर का धाम है ।


चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है

हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है।

***