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Friday, 24 December 2021

संघटन गढ़े चलो others SANGATHANA GADE CHALO rss



 संघ गीत

संघटन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलो

भला हो जिसमें देश का वो

काम सब कीये चलो ॥धृ॥


युग के साथ मिलके सब कदम बढान सीख लो ।

एकता के स्वर में गीत गुनगुनाना सीख लो

भूल कर भी मुख में जाती-पंथ की न बात हो

भाषा प्रांत के लिये कभी न रक्त पात हो

फूट का भरा घडा है फोड कर बढे चलो॥१॥


आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार

हम करेंगे त्याग मातृभूमी के लिये अपार

कष्ट जो मिलेंगे मुस्कुराते सब सहेंगे हम

देश के लिये सदा जियेंगे और मरेंगे हम

देश का हि भग्य अपना भग्य है ये सोच लो ॥२॥

***

saMGaTana gaDhe calo supaMtha para baDhe calo

BalA ho jisameM deSa kA vo

kAma saba kIye calo ||dhRu||


yuga ke sAtha milake saba kadama baDhAna sIKa lo |

ekatA ke svara meM gIta gunagunAnA sIKa lo

BUla kara BI muKa meM jAtI-paMtha kI na bAta ho

BAShA prAMta ke liye kaBI na rakta pAta ho

PUTa kA BarA GaDA hai PoDa kara baDhe calo||1||


A rahI hai Aja cAroM ora se yahI pukAra

hama kareMge tyAga mAtRuBUmI ke liye apAra

kaShTa jo mileMge muskurAte saba saheMge hama

deSa ke liye sadA jiyeMge aura mareMge hama

deSa kA hi Bagya apanA Bagya hai ye soca lo ||2||

***

ಸಂಘಟನ ಗಢೇ ಚಲೋ ಸುಪಂಥ ಪರ ಬಢೇ ಚಲೋ

ಭಲಾ ಹೋ ಜಿಸಮೇಂ ದೇಶ ಕಾ ವೋ

ಕಾಮ ಸಬ ಕೀಯೇ ಚಲೋ ||ಧೃ||


ಯುಗ ಕೇ ಸಾಥ ಮಿಲಕೇ ಸಬ ಕದಮ ಬಢಾನ ಸೀಖ ಲೋ |

ಏಕತಾ ಕೇ ಸ್ವರ ಮೇಂ ಗೀತ ಗುನಗುನಾನಾ ಸೀಖ ಲೋ

ಭೂಲ ಕರ ಭೀ ಮುಖ ಮೇಂ ಜಾತೀ-ಪಂಥ ಕೀ ನ ಬಾತ ಹೋ

ಭಾಷಾ ಪ್ರಾಂತ ಕೇ ಲಿಯೇ ಕಭೀ ನ ರಕ್ತ ಪಾತ ಹೋ

ಫೂಟ ಕಾ ಭರಾ ಘಡಾ ಹೈ ಫೋಡ ಕರ ಬಢೇ ಚಲೋ||೧||


ಆ ರಹೀ ಹೈ ಆಜ ಚಾರೋಂ ಓರ ಸೇ ಯಹೀ ಪುಕಾರ

ಹಮ ಕರೇಂಗೇ ತ್ಯಾಗ ಮಾತೃಭೂಮೀ ಕೇ ಲಿಯೇ ಅಪಾರ

ಕಷ್ಟ ಜೋ ಮಿಲೇಂಗೇ ಮುಸ್ಕುರಾತೇ ಸಬ ಸಹೇಂಗೇ ಹಮ

ದೇಶ ಕೇ ಲಿಯೇ ಸದಾ ಜಿಯೇಂಗೇ ಔರ ಮರೇಂಗೇ ಹಮ

ದೇಶ ಕಾ ಹಿ ಭಗ್ಯ ಅಪನಾ ಭಗ್ಯ ಹೈ ಯೇ ಸೋಚ ಲೋ ||೨||

***

संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो ।

भला हो जिसमे देश का वो काम सब किए चलो।


युग के साथ मिलके सब कदम बढ़ाना सीख लो

एकता के स्वर में गीत गुनगुनाना सीख लो-2

भूल कर भी मुख में जाति पंथ की न बात हो

भाषा प्रान्त के लिए कभी न रक्त पात हो।

फ़ूट का भरा घड़ा है फोड़ कर बढ़े चलो

भला हो जिसमें देश का वो काम सब किये चलो।।



संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो ।

भला हो जिसमे देश का वो काम सब किए चलो।


आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार

हम करेंगे त्याग मातृभूमि के लिए अपार-2

कष्ट जो मिलेंगे मुस्कुराके सब सहेंगे हम

देश के लिए सदा जियेंगे औऱ मरेंगे हम

देश का ही भाग्य अपना भाग्य है ये सोच लो ।

भला हो जिसमें देश का वो काम सब किए चलो।।


संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो ।

भला हो जिसमे देश का वो काम सब किए चलो।

***