संघ गीत gurupurnima song
आज पूजा की घड़ी है।
साधना के शूलमय पथ पर सदा सबको बढ़ाता,
ध्येय की धुन धमनियों में, फूँकता युग क्रांति लाता,
हर फड़क में राष्ट्र के उत्थान की आशा भरी है।
आज पूजा की घड़ी है ।।१
सूर्य की पहली छटा की अग्नि का है वास इसमें,
पूर्वजों की यह पताका, विजय का विश्वास इसमें।
कोटि हृदयों के मिलन की भावना इसमें जुड़ी है।
आज पूजा की घड़ी है ।।२
राष्ट्र के निर्माण पोषण, वृद्धि है इसकी कहानी,
आन पर बलिदान की है प्रेरणामय यह निशानी।
राष्ट्रपुरुषों की चिरंतन कल्पनाओं की कड़ी है।
आज पूजा की घड़ी है ।।३
इस ध्वजा से श्रेष्ठ जीवन का अमर संदेश पायें,
और लाखों प्राण इंगित मात्र पर इसके चढ़ायें।
फिर सफलता हाथ जोड़े, सामने मानो खड़ी है।
आज पूजा की घड़ी है ।।४।।
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