संघ गीत
जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
जिसके वास्ते ये तन है मन है और प्राण है ॥धृ॥
ईसके कण कण में लिखा रामकृष्ण नाम है
हुतात्माओंके रुधिरसे भूमि सष्य श्याम है
धर्म का ये धाम है सदा ईसे प्रणाम है
स्वतंत्र है यह धरा स्वतंत्र आसमान है ॥१॥
ईसकी आन पर अगर जो बात कोई आ पडे
ईसके सामने जो जुल्म के पहाड हो खडे
शत्रु सब जहान हो विरुद्ध आसमान हो
मुकाबला करेंगे जब तक जान मे ये जान है ॥२॥
ईसकी गोद मे हजारो गंगा यमुना झूमती
ईसके पर्वतोंकी चोटियाँ गगन को चूमती
भूमि यह महान है निराली ईसकी शान है
ईसकी जयपताक पर लिखा विजय निशान है ॥३॥
पूज्य केशव के भगीरथ साथ लाये संघ धारा
इष्ट उनकों मान तुमने भाग्य भारत का सँवारा
लक्ष की द्रुत पूर्ती हो हम माँगते आशिश तुमसे
कर सके हम शीघ्र पूरी मातृभूकी अर्चना ॥४॥
***
jananI janmaBUmi svarga se mahAna hai
jisake vAste ye tana hai mana hai aura prANa hai ||dhRu||
Isake kaNa kaNa meM liKA rAmakRuShNa nAma hai
hutAtmA^^oMke rudhirase BUmi saShya SyAma hai
dharma kA ye dhAma hai sadA Ise praNAma hai
svataMtra hai yaha dharA svataMtra AsamAna hai ||1||
IsakI Ana para agara jo bAta ko^^I A paDe
Isake sAmane jo julma ke pahADa ho KaDe
Satru saba jahAna ho viruddha AsamAna ho
mukAbalA kareMge jaba taka jAna me ye jAna hai ||2||
IsakI goda me hajAro gaMgA yamunA JUmatI
Isake parvatoMkI coTiyA~M gagana ko cUmatI
BUmi yaha mahAna hai nirAlI IsakI SAna hai
IsakI jayapatAka para liKA vijaya niSAna hai ||3||
pUjya keSava ke BagIratha sAtha lAye saMGa dhArA
iShTa unakoM mAna tumane BAgya BArata kA sa~MvArA
lakSha kI druta pUrtI ho hama mA~Mgate ASiSa tumase
kara sake hama SIGra pUrI mAtRuBUkI arcanA ||4||
***
ಜನನೀ ಜನ್ಮಭೂಮಿ ಸ್ವರ್ಗ ಸೇ ಮಹಾನ ಹೈ
ಜಿಸಕೇ ವಾಸ್ತೇ ಯೇ ತನ ಹೈ ಮನ ಹೈ ಔರ ಪ್ರಾಣ ಹೈ ||ಧೃ||
ಈಸಕೇ ಕಣ ಕಣ ಮೇಂ ಲಿಖಾ ರಾಮಕೃಷ್ಣ ನಾಮ ಹೈ
ಹುತಾತ್ಮಾಓಂಕೇ ರುಧಿರಸೇ ಭೂಮಿ ಸಷ್ಯ ಶ್ಯಾಮ ಹೈ
ಧರ್ಮ ಕಾ ಯೇ ಧಾಮ ಹೈ ಸದಾ ಈಸೇ ಪ್ರಣಾಮ ಹೈ
ಸ್ವತಂತ್ರ ಹೈ ಯಹ ಧರಾ ಸ್ವತಂತ್ರ ಆಸಮಾನ ಹೈ ||೧||
ಈಸಕೀ ಆನ ಪರ ಅಗರ ಜೋ ಬಾತ ಕೋಈ ಆ ಪಡೇ
ಈಸಕೇ ಸಾಮನೇ ಜೋ ಜುಲ್ಮ ಕೇ ಪಹಾಡ ಹೋ ಖಡೇ
ಶತ್ರು ಸಬ ಜಹಾನ ಹೋ ವಿರುದ್ಧ ಆಸಮಾನ ಹೋ
ಮುಕಾಬಲಾ ಕರೇಂಗೇ ಜಬ ತಕ ಜಾನ ಮೇ ಯೇ ಜಾನ ಹೈ ||೨||
ಈಸಕೀ ಗೋದ ಮೇ ಹಜಾರೋ ಗಂಗಾ ಯಮುನಾ ಝೂಮತೀ
ಈಸಕೇ ಪರ್ವತೋಂಕೀ ಚೋಟಿಯಾ~ಂ ಗಗನ ಕೋ ಚೂಮತೀ
ಭೂಮಿ ಯಹ ಮಹಾನ ಹೈ ನಿರಾಲೀ ಈಸಕೀ ಶಾನ ಹೈ
ಈಸಕೀ ಜಯಪತಾಕ ಪರ ಲಿಖಾ ವಿಜಯ ನಿಶಾನ ಹೈ ||೩||
ಪೂಜ್ಯ ಕೇಶವ ಕೇ ಭಗೀರಥ ಸಾಥ ಲಾಯೇ ಸಂಘ ಧಾರಾ
ಇಷ್ಟ ಉನಕೋಂ ಮಾನ ತುಮನೇ ಭಾಗ್ಯ ಭಾರತ ಕಾ ಸ~ಂವಾರಾ
ಲಕ್ಷ ಕೀ ದ್ರುತ ಪೂರ್ತೀ ಹೋ ಹಮ ಮಾ~ಂಗತೇ ಆಶಿಶ ತುಮಸೇ
ಕರ ಸಕೇ ಹಮ ಶೀಘ್ರ ಪೂರೀ ಮಾತೃಭೂಕೀ ಅರ್ಚನಾ ||೪||
***
जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
इसके वास्ते ये तन है मन है और प्राण है ॥
तन मन और प्राण है।
इसके कण कण में लिखा रामकृष्ण नाम है
हुतात्माओंके रुधिरसे भूमि शस्य श्याम है
धर्म का ये धाम है सदा इसे प्रणाम है
स्वतंत्र है यह धरा स्वतंत्र आसमान है।
इसकी आन पर अगर जो बात कोई आ पड़े
इसके सामने जो जुल्म के पहाड़ हो खड़े
शत्रु सब जहान हो विरुद्ध आसमान हो
मुकाबला करेंगे जब तक जान मे ये जान है ।
इसकी गोद मे हजारो गंगा यमुना झूमती
इसके पर्वतोंकी चोटियाँ गगन को चूमती
भूमि ये महान है निराली इसकी शान है
इसकी जयपताका पर लिखा विजय निशान है ।
जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
इसके वास्ते ये तन है मन है और प्राण है ॥
तन मन और प्राण है।
***