संघ गीत
हिन्दु भूमि की हम संतान
नित्य करेंगे उसका ध्यान।
हिन्दु भूमि की हम संतान,
नित्य करेंगे उसका ध्यान,
नील गगन में लहराएंगे ,
भगवा अमर निशान-3 ।।ध्रु
स्वार्थ छोड़कर सब अपना,
माया ममता का सपना।
नींद हमारी छोड़ें हम,
आगे कदम बढ़ाएं हम।
कदम कदम पर हिल-मिल गायें ,
यह स्फूर्ती का गान -3
झगड़े छोड़ें ऐक्य करें हम,
धर्म संस्कृति नही भूलें हम।
इतिहासों की साक्षी लें हम,
नरवीरों का स्मरण करें हम।
विपद स्थिति से मातृभूमि का,
करना है उत्थान -3 ॥२॥
संघ कार्य आसान नहीं है,
लेकिन डरना काम नहीं है।
निश दिन कष्ट उठाना है,
कार्य पूर्ति अब करना है।
मातृभूमि का मान बढाने,
होना है बलिदान-3॥३॥
रामचन्द्र की भूमि यही है ,
नन्दलाल की भूमि यही है।
क्षात्र धर्म का तेज यही है,
मानवता का मोल यही है।
देश भक्त और नरवीरों का
प्यारा हिन्दुस्थान -3 ॥४॥
हिन्दु भूमि की हम संतान,
नित्य करेंगे उसका ध्यान।
नील गगन में लहराएंगे ,
भगवा अमर निशान-3 ।।
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