संघ गीत
भारती मां के उपासक मात्रृ मंदिर के पुजारी
कर रहे मां को समर्पित संगठन की शक्ति सारी ||
1. राष्ट्र अपना घिर रहा है संकटों के बादलों से
युद्धरत आतंकवादी देश के रक्षा बलाे से
संगठित सामर्थ्य बल से चोट दे अरी को करारी
चोट दे अरी को करारी ||
2. शील है संबल हमारा इसलिए दुर्जेय हैं हम
शाेर्यमय गाथा हमारी ज्ञान गीता श्रेष्ठ हैं हम
प्राण की बाती जलाकर आरती मां की उतरी
आरती मां की उतारी ||
3. भरत भू के पुत्र सारे जाति बंधन मुक्त होकर
जीत ले विश्वास सबका स्नेह श्रद्धा युक्त होकर
बुद्ध नानक जैन वैदिक प्रकृति पूजक धरमधारी ||
भारती मां के उपासक मातृ मंदिर के पुजारी
कर रहे मां को समर्पित संगठन की शक्ति सारी।
***
***