Friday, 24 December 2021

अनेकता मे एकता हिंदु others rss

   

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अनेकता मे एकता हिंदु की विशेषता ॥प॥


एक राह के है मीत एक प्यार के

एक भाग के है फूल एक हार के

देखते है यह जमीन असमान देखता ॥१॥


एक देश के है अंग रंग भिन्न भिन्न है

एक जननी भारती के कोटि सुत अभिन्न है

कोटि जीव बालको मे ब्रह्म एक खेलता ॥२॥


कर्म है बटे हुये पर एक मूल मर्म है

राष्ट्रभक्ति ही हमारा एक मात्र धर्म है

कंठ कंठ देशका एक स्वर बिखेरता ॥३॥


एक लक्ष्य एक प्राण पणसे हम जुटे हुये

एक भारती की अर्चना मे हम लगे हुये

कोटि कोटि साधकोंका एक राष्ट्रदेवता ॥४॥

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anEkataa me ekatA hiMdu kI viSEShatA ||pa||


Eka rAha ke hai mIta Eka pyAra ke

Eka BAga ke hai PUla Eka hAra ke

dEKate hai yaha jamIna asamAna dEKatA ||1||


Eka dESa ke hai aMga raMga Binna Binna hai

Eka jananI BAratI ke kOTi suta aBinna hai

kOTi jIva bAlakO me brahma Eka KElatA ||2||


karma hai baTE huye para Eka mUla marma hai

rAShTraBakti hI hamArA Eka mAtra dharma hai

kaMTha kaMTha dESakA Eka svara biKeratA ||3||


Eka lakShya Eka prANa paNase hama juTE huye

Eka BAratI kI arcanA me hama lagE huye

kOTi kOTi sAdhakOMkA Eka rAShTradEvatA ||4||

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ಅನೇಕತಾ ಮೆ ಎಕತಾ ಹಿಂದು ಕೀ ವಿಶೇಷತಾ ||ಪ||

ಏಕ ರಾಹ ಕೆ ಹೈ ಮೀತ ಏಕ ಪ್ಯಾರ ಕೆ
ಏಕ ಭಾಗ ಕೆ ಹೈ ಫೂಲ ಏಕ ಹಾರ ಕೆ
ದೇಖತೆ ಹೈ ಯಹ ಜಮೀನ ಅಸಮಾನ ದೇಖತಾ ||೧||

ಏಕ ದೇಶ ಕೆ ಹೈ ಅಂಗ ರಂಗ ಭಿನ್ನ ಭಿನ್ನ ಹೈ
ಏಕ ಜನನೀ ಭಾರತೀ ಕೆ ಕೋಟಿ ಸುತ ಅಭಿನ್ನ ಹೈ
ಕೋಟಿ ಜೀವ ಬಾಲಕೋ ಮೆ ಬ್ರಹ್ಮ ಏಕ ಖೇಲತಾ ||೨||

ಕರ್ಮ ಹೈ ಬಟೇ ಹುಯೆ ಪರ ಏಕ ಮೂಲ ಮರ್ಮ ಹೈ
ರಾಷ್ಟ್ರಭಕ್ತಿ ಹೀ ಹಮಾರಾ ಏಕ ಮಾತ್ರ ಧರ್ಮ ಹೈ
ಕಂಠ ಕಂಠ ದೇಶಕಾ ಏಕ ಸ್ವರ ಬಿಖೆರತಾ ||೩||

ಏಕ ಲಕ್ಷ್ಯ ಏಕ ಪ್ರಾಣ ಪಣಸೆ ಹಮ ಜುಟೇ ಹುಯೆ
ಏಕ ಭಾರತೀ ಕೀ ಅರ್ಚನಾ ಮೆ ಹಮ ಲಗೇ ಹುಯೆ
ಕೋಟಿ ಕೋಟಿ ಸಾಧಕೋಂಕಾ ಏಕ ರಾಷ್ಟ್ರದೇವತಾ ||೪||
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