संघ गीत हिन्दू नववर्ष गीत
नवोन्मेष की शुभ बेला में,
लेकर दृढ़ विश्वास चलें ।
समय आ गया लिखें देश का,
फिर स्वर्णिम् इतिहास चलें।।
लेकर दृढ़ विश्वास चलें..
ध्येय सामने साथ हमारे गौरवशाली परंपरा।
विजय तिलक को आतुर है यह शस्य श्यामला वसुंधरा ।
मुख में ज्ञान पीठ पर तरकश निज चारित्र्य विकास करें ।
भोगवाद के अंधकार में हिंदू दिव्य प्रकाश भरें।।
लेकर दृढ़ विश्वास चलें...
कूद पड़ें अब कर्म क्षेत्र में प्रगति शिखर पर चरण धरें।
तिल तिल तप कर निज पौरुष से अमर कीर्ति का वरण करें।
करें नए संकल्प अभय हो कंटक पथ पर बढ़े चलें।
जिधर बढ़े समृद्धि शौर्य के समरसता के फूल खिले।।
लेकर दृढ़ विश्वास चलें .....
बदल रहा युग विध्वंसों पर पुनः नए निर्माण करें,
मन अंधियारे घर में जलते एक दीप का दान करें।
त्यागी बलिदानी हिंदू का नाम पुनः चरितार्थ करें।
संघ मंत्र से नई प्रेरणा लेकर फिर पुरुषार्थ करें
लेकर दृढ़ विश्वास चलें.....
नवोन्मेष की शुभ बेला में,
लेकर दृढ़ विश्वास चलें ।
समय आ गया लिखें देश का,
फिर स्वर्णिम् इतिहास चलें।।
लेकर दृढ़ विश्वास चलें..
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