संघ गीत
हिन्दु धर्म रक्षणार्थ हम बढे चलें।
हिन्दु वीर आज एक संघ बन चलें ॥
इस पवित्र हिन्दु भू में जन्म है मिला।
देह आज हम सभी का धन्य हो चला।
मातृभूमि कर्मभूमि धर्मभूमि में,
जन्म और मृत्यु हो मातु के लिये।
खंड खंड भरत भू अखण्ड कर चलें॥१॥
हिन्दू वीर.....
सुन सीमान्त प्रान्त से पुकार मातु की।
पग मे आज दौड़ती गति है ध्येय की।
है इसी मे साधना राष्ट्र भक्ति की।
प्रेरणा अमोघ और दिव्य शक्ति की।
शेर हम शिवा के हैं अभेद्य हैं किले ॥
हिन्दू वीर...
***
No comments:
Post a Comment