संघ गीत
यही मंत्र है यही साधना,
ग्राम ग्राम में जाएंगे ।
हिन्दू हिन्दू जुटा जुटाकर ,
सबको शाखा लाएंगे।।
विस्मृत में जो दबा पड़ा वह,समाज हम चेताएंगे।
मानस पर है जमीं राख जो सत्वर उसे हटाएंगे।
चिंगारी प्रगटेगी उसमें अपने दोष जलाएंगे।।
हिन्दू हिन्दू जुटा जुटा कर ......
अपना देश धरित्री प्यारी माँ का रूप निहारेंगें।
हम हैं सारे सपूत इसके, बंधु भाव विकसाएंगे।
ऊँच-नीच सब भेद हटाकर समता ममता लाएंगे।
हिंदू हिंदू जुटा जुटाकर...
अपने पुरखों की धरती का बीता गौरव लाएंगे।
इसी हेतु हम अपना सब कुछ अर्पित करते जाएंगे।
केशव के चिंतन में था जो हिंदू राष्ट्र सरसाएंगे ।
हिंदू हिंदू जुटा जुटा कर......
यही मंत्र है यही साधना,
ग्राम ग्राम में जाएंगे ।
हिन्दू हिन्दू जुटा जुटाकर ,
सबको शाखा लाएंगे।।
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