Friday, 24 December 2021

भारत माँ के चरण others BHARAT MAA KE CHARANA rss

 





संघ गीत

भारत माँ के चरण कमल पर तन मन धन कर दे न्योछावर

साधक आज प्रतिज्ञा कर ले जननी के इस संकट क्षण पर ॥धृ॥


रुदन कर रहा आज हिमालय सिसक रही गंगा की धारा

दग मग है कैलास शंभु का व्यथित आज बदरिश्वर प्यारा

उधर सुलगती वह्नि शिखा लख भयकम्पित निज नन्दनवन है

अमरनाथ के पावन मंदिर पर अरियोंका गृद्ध नयन है

निज माता की लाज बचाने हम सब आज बने प्रलयंकर ॥१॥


मातृभूमी का कंकर कंकर आज महा शंकर बन जाये

थिरक उठे ताण्डव की गती फिर विश्व पुनः कम्पित हो जाये

खुले तीसरा नेत्र तेज से अरी दल सारा भस्मसात हो

चमके पुनः त्रिशूल करों में अरी षोणित से तप्तपात हो

जय के नारे गून्जे नभ में जले विजय का दीप घर घर ॥२॥


राणा के उस भीषण प्रण को आज पुनः हम सब दोहरा‌ए

त्यज देंगे सारा सुख वैभव जब तक माँ का कष्ट न जा‌ए

क्या होगा माता के कारण अगर राष्ट्र के लिये मरेंगे

भूमी शयन घांसों की रोटी खाकर भी सब व्यथा हरेंगे

निश्चित होगी विजय सत्य की दुष्मन काँपेंगे थर थर थर ॥३॥

***

BArata mA~M ke caraNa kamala para tana mana dhana kara de nyoCAvara

sAdhaka Aja pratij~jA kara le jananI ke isa saMkaTa kShaNa para ||dhRu||


rudana kara rahA Aja himAlaya sisaka rahI gaMgA kI dhArA

daga maga hai kailAsa SaMBu kA vyathita Aja badariSvara pyArA

udhara sulagatI vahni SiKA laKa Bayakampita nija nandanavana hai

amaranAtha ke pAvana maMdira para ariyoMkA gRuddha nayana hai

nija mAtA kI lAja bacAne hama saba Aja bane pralayaMkara ||1||


mAtRuBUmI kA kaMkara kaMkara Aja mahA SaMkara bana jAye

thiraka uThe tANDava kI gatI Pira viSva punaH kampita ho jAye

Kule tIsarA netra teja se arI dala sArA BasmasAta ho

camake punaH triSUla karoM meM arI ShoNita se taptapAta ho

jaya ke nAre gUnje naBa meM jale vijaya kA dIpa Gara Gara ||2||


rANA ke usa BIShaNa praNa ko Aja punaH hama saba doharA^^e

tyaja deMge sArA suKa vaiBava jaba taka mA~M kA kaShTa na jA^^e

kyA hogA mAtA ke kAraNa agara rAShTra ke liye mareMge

BUmI Sayana GAMsoM kI roTI KAkara BI saba vyathA hareMge

niScita hogI vijaya satya kI duShmana kA~MpeMge thara thara thara ||3||

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ಭಾರತ ಮಾ ಕೇ ಚರಣ ಕಮಲ

ಭಾರತ ಮಾ ಕೇ ಚರಣ ಕಮಲ ಪರ ತನ ಮನ ಧನ ಕರ ದೇ ನ್ಯೋಛಾವರ

ಸಾಧಕ ಆಜ ಪ್ರತಿಜ್ಞಾ ಕರ ಲೇ ಜನನೀ ಕೇ ಇಸ ಸಂಕಟ ಕ್ಷಣ ಪರ ||ಧೃ||


ರುದನ ಕರ ರಹಾ ಆಜ ಹಿಮಾಲಯ ಸಿಸಕ ರಹೀ ಗಂಗಾ ಕೀ ಧಾರಾ

ದಗ ಮಗ ಹೈ ಕೈಲಾಸ ಶಂಭು ಕಾ ವ್ಯಥಿತ ಆಜ ಬದರಿಶ್ವರ ಪ್ಯಾರಾ

ಉಧರ ಸುಲಗತೀ ವಹ್ನಿ ಶಿಖಾ ಲಖ ಭಯಕಂಪಿತ ನಿಜ ನನ್ದನವನ ಹೈ

ಅಮರನಾಥ ಕೇ ಪಾವನ ಮಂದಿರ ಪರ ಅರಿಯೋಂಕಾ ಗೃದ್ಧ ನಯನ ಹೈ

ನಿಜ ಮಾತಾ ಕೀ ಲಾಜ ಬಚಾನೇ ಹಮ ಸಬ ಆಜ ಬನೇ ಪ್ರಲಯಂಕರ ||೧||


ಮಾತೃಭೂಮೀ ಕಾ ಕಂಕರ ಕಂಕರ ಆಜ ಮಹಾ ಶಂಕರ ಬನ ಜಾಯೇ

ಥಿರಕ ಉಠೇ ತಾಂಡವ ಕೀ ಗತೀ ಫಿರ ವಿಶ್ವ ಪುನಃ ಕಂಪಿತ ಹೋ ಜಾಯೇ

ಖುಲೇ ತೀಸರಾ ನೇತ್ರ ತೇಜ ಸೇ ಅರೀ ದಲ ಸಾರಾ ಭಸ್ಮಸಾತ ಹೋ

ಚಮಕೇ ಪುನಃ ತ್ರಿಶೂಲ ಕರೋಂ ಮೇ ಅರೀ ಷೋಣಿತ ಸೇ ತಪ್ತಪಾತ ಹೋ

ಜಯ ಕೇ ನಾರೇ ಗೂಂಜೇ ನಭ ಮೇ ಜಲೇ ವಿಜಯ ಕಾ ದೀಪ ಘರ ಘರ ||೨||


ರಾಣಾ ಕೇ ಉಸ ಭೀಷಣ ಪ್ರಣ ಕೋ ಆಜ ಪುನಃ ಹಮ ಸಬ ದೋಹರಾ‌ಏ

ತ್ಯಜ ದೇಂಗೇ ಸಾರಾ ಸುಖ ವೈಭವ ಜಬ ತಕ ಮಾಂ ಕಾ ಕಷ್ಟ ನ ಜಾ‌ಏ

ಕ್ಯಾ ಹೋಗಾ ಮಾತಾ ಕೇ ಕಾರಣ ಅಗರ ರಾಷ್ಟ್ರ ಕೇ ಲಿಯೇ ಮರೇಂಗೇ

ಭೂಮೀ ಶಯನ ಘಾಂಸೋಂ ಕೀ ರೋಟೀ ಖಾಕರ ಭೀ ಸಬ ವ್ಯಥಾ ಹರೇಂಗೇ

ನಿಶ್ಚಿತ ಹೋಗೀ ವಿಜಯ ಸತ್ಯ ಕೀ ದುಷ್ಮನ ಕಾಂಪೇಂಗೇ ಥರ ಥರ ಥರ ||೩||

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भारत माँ के चरण कमल पर तन मन धन कर दे न्योछावर

साधक आज प्रतिज्ञा कर ले जननी के इस संकट क्षण पर ॥ध्रु


रुदन कर रहा आज हिमालय सिसक रही गंगा की धारा

डग मग है कैलाश शंभु का व्यथित आज बद्रीश्वर प्यारा

उधर सुलगती मनही शिखा लक भय कम्पित निज नन्दन   वन है

अमरनाथ के पावन मंदिर पर अरियों का ग्रिद्ध नयन है

निज माता की लाज बचाने हम सब आज बने प्रलयंकर ॥१॥



मातृभूमि का कंकर कंकर आज महा शंकर बन जाये

थिरक उठे ताण्डव की गति फिर विश्व पुनः कम्पित हो जाये

खुले तीसरा नेत्र तेज से अरी दल सारा भस्म साथ हो

चमके  पुनः त्रिशूल  करों में अरि षोणित से तप्तपात हो

जय के नारे गूंजे नभ में जले विजय का दीप घर घर ॥२॥


राणा के उस भीषण प्रण को आज पुनः हम सब दोहराए

त्यज देंगे सारा सुख वैभव जब तक माँ का कष्ट न जाए

क्या होगा माता के कारण अगर राष्ट्र के लिये मरेंगे

भूमि शयन घांसों की रोटी खाकर भी सब व्यथा हरेंगे

निश्चित होगी विजय सत्य की दुशमन काँपेंगे थर थर थर ॥३॥

साधक आज ...


भारत माँ के चरण कमल पर तन मन धन कर दे न्योछावर

साधक आज प्रतिज्ञा कर ले जननी के इस संकट क्षण पर ॥

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