संघ गीत सामूहिक गीत
संघ गीत
स्वयंसेवकों का यही एक सपना।
बनें कार्यकर्ता बढ़े देश अपना।।
कोई श्यामवर्णी कोई गौर वर्णी,
कोई शांतभावी कोई क्रोधकर्णी,
सभी मित्र बनकर करें काम मिलकर,
कोई हो नवागत तो कोई पुराना,
बनें कार्यकर्ता.........
न पूर्वाग्रही हो न हो आत्मभावी,
हृदयमन खुला हो विवेकी स्वभावी।
विचारों में स्थिरता वचन में मधुरता,
परायों व अपनों की निंदा से बचना।
बनें कार्यकर्ता. ...........
उमंगी रहें हम उमंगी हो साथी,
गति भी रहे आपसी मेल खाती।
अकेले ना हों हम यही ध्यान हरदम,
कदम से कदम को मिलाकर ही चलना।
बनें कार्यकर्ता........
हो चिंतन हमारा सदा दूरगामी,
मगर कार्यशैली हो एक एक कदमी।
सभी काम भारी हो परिणामकारी,
सफलता मिलेगी यही भाव भरना।
बनें कार्यकर्ता. ..........
वाचन मनन और अनुभव कथन से,
रखें अद्यतन ज्ञान बौद्धिक यतन से।
सदा स्वस्थ हों और रहें व्यस्त भी हम,
समयदान क्षमता बढ़ाते ही रहना।
बनें कार्यकर्ता ..........
स्वयंसेवकों का यही एक सपना।
बने कार्यकर्ता बढ़े देश अपना।।
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