संघ गीत
गीत खुशी के गुनगुनाते बढ़ते जाएं हम ।
मुस्कुराने की कला सबको सिखलायें हम।।
रुक जाते थक कर राहों में वे पीछे रह जाते हैं,
लगातार चलते रहते जो वही सफल हो पाते हैं।
थके बिना चलते रहने की बात बताएं हम।।
मुस्कुराने की .........
भगत, शिवा, राणा, लक्ष्मी की परंपरा ये बलिदानी,
ज्ञानेश्वर का ज्ञान, तुका, नानक की अमृत सी वाणी।
देशभक्त ज्ञानी बनने की राह दिखाएं हम।।
मुस्कुराने की......
रामानुज, जगदीश, रमन ने अगणित आविष्कार किए,
अथक परिश्रम से माता के सब सपने साकार किए।
अलख जगाकर विश्वगुरु फिर से कहलायें हम।।
मुस्कुराने की कला......
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