संघ गीत
शपथ लेन तो सरल है
पर निभाना ही कठिण है
साधना का पथ कठिण है ॥धृ॥
है अचेतन जो युगों से
लहर के अनुकूल बहते
साथ बहाना है सरल
प्रतिकूल बहना ही कठिण है ॥१॥
शलभ बर्न जलना सरल है
प्रेम की जलती शिखा पर
स्वयं को तिल तिल जलाकर
दीप बनना ही कठिण है ॥२॥
ठोकरे खाकर नियति की
युगों से जी रहा मानव
है सरल आंसू बहाना
मुस्कराना ही कठिण है ॥३॥
तप तपस्या के सहारे
इन्द्र बनना तो सरल है
स्वर्ग का ऐश्वर्य पाकर
मद भुलाना ही कठिण है ॥४॥
***
Sapatha lena to sarala hai
para niBAnA hI kaThiNa hai
sAdhanA kA patha kaThiNa hai ||dhRu||
hai acetana jo yugoM se
lahara ke anukUla bahate
sAtha bahAnA hai sarala
pratikUla bahanA hI kaThiNa hai ||1||
SalaBa barna jalanA sarala hai
prema kI jalatI SiKA para
svayaM ko tila tila jalAkara
dIpa bananA hI kaThiNa hai ||2||
Thokare KAkara niyati kI
yugoM se jI rahA mAnava
hai sarala AMsU bahAnA
muskarAnA hI kaThiNa hai ||3||
tapa tapasyA ke sahAre
indra bananA to sarala hai
svarga kA aiSvarya pAkara
mada BulAnA hI kaThiNa hai ||4||
***
ಶಪಥ ಲೇನ ತೋ ಸರಲ ಹೈ
ಪರ ನಿಭಾನಾ ಹೀ ಕಠಿಣ ಹೈ
ಸಾಧನಾ ಕಾ ಪಥ ಕಠಿಣ ಹೈ ||ಧೃ||
ಹೈ ಅಚೇತನ ಜೋ ಯುಗೋಂ ಸೇ
ಲಹರ ಕೇ ಅನುಕೂಲ ಬಹತೇ
ಸಾಥ ಬಹಾನಾ ಹೈ ಸರಲ
ಪ್ರತಿಕೂಲ ಬಹನಾ ಹೀ ಕಠಿಣ ಹೈ ||೧||
ಶಲಭ ಬನ ಜಲನಾ ಸರಲ ಹೈ
ಪ್ರೇಮ ಕೀ ಜಲತೀ ಶಿಖಾ ಪರ
ಸ್ವಯಂ ಕೋ ತಿಲ ತಿಲ ಜಲಾಕರ
ದೀಪ ಬನನಾ ಹೀ ಕಠಿಣ ಹೈ ||೨||
ಠೋಕರೇ ಖಾಕರ ನಿಯತಿ ಕೀ
ಯುಗೋಂ ಸೇ ಜೀ ರಹಾ ಮಾನವ
ಹೈ ಸರಲ ಆಂಸೂ ಬಹಾನಾ
ಮುಸ್ಕರಾನಾ ಹೀ ಕಠಿಣ ಹೈ ||೩||
ತಪ ತಪಸ್ಯಾ ಕೇ ಸಹಾರೇ
ಇಂದ್ರ ಬನನಾ ತೋ ಸರಲ ಹೈ
ಸ್ವರ್ಗ ಕಾ ಐಶ್ವರ್ಯ ಪಾಕರ
ಮದ ಭುಲಾನಾ ಹೀ ಕಠಿಣ ಹೈ ||೪||
***
शपथ लेना तो सरल है
पर निभाना ही कठिन है।
साधना का पथ कठिन है
साधना का पथ कठिन॥
शलभ बन जलना सरल है
प्रेम की जलती शिखा पर।
स्वयं को तिल-तिल जलाकर
दीप बनना ही कठिन है ॥१॥
है अचेतन जो युगों से
लहर के अनुकूल बहते
साथ बहना है सरल
प्रतिकूल बहना ही कठिन है ॥
तप-तपस्या के सहारे
इन्द्र बनना तो सरल है।
स्वर्ग का ऐश्वर्य पाकर
मद भुलाना ही कठिन है ॥
ठोकरें खाकर नियति की
युगों से जी रहा मानव।
है सरल आँसू बहना
मुस्काना ही कठिन है ॥३॥
शपथ लेना तो सरल है
पर निभाना ही कठिन है।
साधना का पथ कठिन है
साधना का पथ कठिन॥
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