Friday, 24 December 2021

परम वैभवी भारत others PARAM VAIBHAVEE BHARAT rss

 


संघ गीत

परम वैभवी भारत होगा , संघ शक्ति का हो विस्तार

 गूंज उठे गूंज उठे भारत माँ की जय जयकार 

भारत माँ की जय जयकार ।। 


व्यक्ति और परिवार प्रबोधन , समरसता का भाव बढ़े

 नित्य मिलन चिन्तन मंथन से , संगठना का भाव जगे 

इसी भाव के बल से गूंजे, देशभक्ति की फिर हुंकार ।। 


हो किसान या हो श्रमजीवी , व्यवसायी या सैनिक हो 

अध्यापक विद्यार्थी सेवक , या जन-जाति भाई हो 

उद्यमिता और स्वावलम्बिता , शिक्षा में हो ये संस्कार ।।


 हिन्दू संस्कृति की संरचना , मानवता का रक्षण है

 जीवदया प्रकृति की पूजा , यह स्वभावगत लक्षण है 

शुद्ध गगन पानी माटी से , निर्विकार बन बहे बयार ।।


 शुभ परिवर्तन करने को अब , हम ऐसा संकल्प करें

 अखंड भारत का वह सपना , सब मिलकर साकार करें 

बाधा कोई रोक न सकती , जन्मसिद्ध अपना अधिकार ।

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